हिंदू बहुसंख्यकवाद के ख़तरों और चुनौतियों की शिनाख्त़ करती एक ज़रूरी किताब / संजीव कुमार

अपनी किताब के आमुख में परकाला प्रभाकर कहते हैं, ‘निकट भविष्य में एक चुनावी जीत ज़ाहिर तौर पर गणराज्य को