नया पथ
May 3, 2025
पनाहगाह / समीना ख़ान
क्या कोई ऐसी कहानी हो सकती है जिसमें घटनाएँ नदारद हों, फिर भी आपको एक क़ायदे की शुरुआत मिले और
क्या कोई ऐसी कहानी हो सकती है जिसमें घटनाएँ नदारद हों, फिर भी आपको एक क़ायदे की शुरुआत मिले और
‘मौसिक़ी की दुनिया के इस शाहकार का शुमार रहती दुनिया तक किसी नायाब अजूबे से कम नहीं।’– साहिर की लिखी
2024 के राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान से सम्मानित ‘राकिया की अम्मा’ को पढ़ते हुए किसी वरिष्ठ, तथापि अ-गरिष्ठ, उस्ताद