जनवादी लेखक संघ का ग्यारहवाँ राष्ट्रीय सम्मेलन : एक संक्षिप्त रिपोर्ट / नलिन रंजन सिंह


‘हम लेखक हैं तो हर शब्द की अपनी एक ज़िम्मेदारी है। दुनिया भर के लेखकों ने इसे निभाया है। शब्दों की ताक़त से सरकारें काँप जाती हैं। लेखक का समाज से शुरू से ही गहरा रिश्ता रहा है।’

ये बातें जनवादी लेखक संघ के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए देश के मशहूर सामाजिक कार्यकर्त्ता, कवि, वैज्ञानिक और फ़िल्मकार गौहर रज़ा ने कहीं। उन्होंने कहा कि साहित्य विचारों के टकराहट की यात्रा है जिसमें समानता का द्वंद शामिल है।

सामाजिक व राजनैतिक कार्यकर्त्ता और पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने विशिष्ट वक्ता के रूप में सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उर्दू और हिंदी के भीतर तीन तरह के लेखक मौजूद हैं। एक वे जो भ्रमों के दायरे में हैं, दूसरे वे जो प्रगतिशील ख्वाब देखनेवाले हैं और तीसरे वे जो संघर्षों में हैं। सच तो यह है कि हमने शब्दों की ज़िम्मेदारी नहीं निभायी। आगे उन्होंने कहा कि बोलियों का महत्व भाषा की व्यापकता को बढ़ाता है। विचार व्यक्त करने की आज़ादी हमारे सरोकारों और संस्कारों की अभिव्यक्ति है। समानता हमारी सबसे क़ीमती धरोहर और ज़रूरत है।

राष्ट्रीय सम्मेलन 19 सितम्बर को बड़ोखर खुर्द गाँव में प्रेम सिंह की बगिया के सभागार में शुरू हुआ। देश के विभिन्न राज्यों से आये हिंदी व उर्दू के लगभग 250 लेखकों ने इसमें भाग लिया।

पहले दिन हुए उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता चंचल चौहान, रेखा अवस्थी और इब्बार रब्बी के अध्यक्ष मंडल ने की। शुरुआत में स्वागत समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने लेखकों का स्वागत किया। जन संस्कृति मंच के महासचिव मनोज कुमार सिंह और प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य खान अहमद फारुख ने सम्मेलन को सराहा और शुभकामनाएँ दीं।

उद्घाटन सत्र का संचालन जनवादी लेखक संघ के महासचिव संजीव कुमार ने किया।

उद्घाटन सत्र के बाद ‘अघोषित आपातकाल के हमले और प्रतिरोध’ विषय पर विचार सत्र आयोजित हुआ। इस सत्र को शुभा, कवि संपत सरल, भंवर मेघवंशी और नीतीशा खलको ने संबोधित किया। इस सत्र के अध्यक्ष मंडल में राम प्रकाश त्रिपाठी, मनमोहन और अली इमाम खान शामिल थे। संयुक्त महासचिव बजरंग बिहारी तिवारी ने विचार सत्र का संचालन किया। पहले दिन का समापन स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नौटंकी से हुआ।

सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत ‘सरोकार का सिनेमा’ विषय पर संजय जोशी की प्रस्तुति से हुई। जोशी ने सिनेमा के जन इतिहास से लेकर प्रतिरोध की अभिव्यक्ति पर चर्चा की और प्रोजेक्टर से प्रस्तुति दी।

इसके बाद महासचिव संजीव कुमार ने सांगठनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। महासचिव द्वारा प्रस्तुत की गयी सांगठनिक रिपोर्ट पर विभिन्न राज्यों से आये प्रतिनिधियों द्वारा चर्चा जारी रही।

शाम के सांस्कृतिक सत्र में कविता सत्र की शुरुआत केदारनाथ अग्रवाल की कविता ‘बसंती हवा’ पर कथक नृत्य से हुई। कथक गुरु श्रद्धा निगम की उपस्थिति में उनकी छात्राओं द्वारा नृत्य पेश किया गया। उसके बाद देश भर के आये कवियों ने कविता सत्र में अपनी कविताओं का पाठ किया।

सम्मेलन के तीसरे दिन की शुरुआत शेष बचे राज्यों द्वारा महासचिव की रिपोर्ट पर अपनी बात रखने से हुई। राज्यों द्वारा रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखे जाने के बाद प्रतिनिधियों से प्राप्त परिचय प्रपत्र के आधार पर ज्ञान प्रकाश चौबे ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। उसके बाद महासचिव संजीव कुमार ने उनके द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पर उठाये गये मुद्दों का जवाब दिया। जवाब से संतुष्ट होने के बाद प्रतिनिधियों द्वारा रिपोर्ट को पारित किया गया।

महासचिव की रिपोर्ट पास होने के बाद बिहार इकाई के सचिव कुमार विनीताभ ने लोगों को 3 साल बाद बिहार आने का निमंत्रण दिया। उसके बाद जनवादी लेखक संघ के केंद्रीय संरक्षक मंडल, पदाधिकारी मंडल, कार्यकारिणी और परिषद के सदस्यों का नाम महासचिव ने प्रस्तावित किया। प्रतिनिधियों ने ध्वनिमत से प्रस्ताव का समर्थन किया। 3 दिन चले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में कुल 11 प्रस्ताव पारित किये गये। सदस्यता और कार्यकारी मंडल से जुड़े कुछ संशोधन भी पारित किये गये। नवनिर्वाचित अध्यक्ष चंचल चौहान और महासचिव नलिन रंजन सिंह ने प्रतिनिधियों को संबोधित किया।

स्थानीय इकाई की ओर से सुधीर सिंह और स्वागत समिति की ओर से प्रेम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अध्यक्ष ने सम्मेलन के समापन की घोषणा की। समापन में कलाकारों द्वारा बुंदेलखंड का शानदार देवारी नृत्य प्रस्तुत किया गया।

नवगठित संरक्षक मंडल, पदाधिकारी मंडल, कार्यकारिणी और परिषद के सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं-

संरक्षक मंडल : मुरली मनोहर प्रसाद सिंह | वकार सिद्दीकी | जीवन सिंह | मनमोहन | नरेन्द्र जैन

अध्यक्ष : चंचल चौहान

कार्यकारी अध्यक्ष : राजेश जोशी | संजीव कुमार

उपाध्यक्ष : इब्बार रब्बी | नमिता सिंह | रामप्रकाश त्रिपाठी | विष्णु नागर | डॉ. मृणाल | प्रह्लाद चंद्र दास | रेखा अवस्थी | नीरज सिंह | जवरी मल्ल पारख | हरीश चन्द्र पांडे

महासचिव : नलिन रंजन सिंह

संयुक्त महासचिव : बजरंग बिहारी तिवारी | संदीप मील | प्रेम तिवारी

सचिव : शुभा | अली इमाम ख़ान | राजीव गुप्त | हरियश राय | मनोज कुलकर्णी | बली सिंह | ख़ालिद अशरफ़ | विनीताभ | बलवंत कौर | समीना खान | रिक्त…(महाराष्ट्र के लिए) | रिक्त… (दलित/आदिवासी महिला के लिए)

कोषाध्यक्ष : अशोक तिवारी

केंद्रीय कार्यकारिणी : राजेंद्र शर्मा | राकेश तिवारी | विभास वर्मा | वीरेंद्र जैन | नीलेश रघुवंशी | शाह ज़फ़र इमाम | गोपाल प्रसाद | एम ज़ेड ख़ान | डॉ. सुखनन्दन सिंह ‘ध्रुव’| कुमार सत्येंद्र | टेकचंद | मणि मोहन मेहता | ज्ञान प्रकाश चौबे | प्रदीप मिश्र | राघवेंद्र रावत | भरत मीणा | अशोक कुमार | सुभाषिनी अली। जयपाल | सरदानंद राजली | कालूराम परिहार | सूरज पालीवाल | कृष्ण चन्द्र चौधरी | विजय कुमार सिंह | अलखदेव प्रसाद ‘अचल’ | अनीता मिश्रा | देव कबीर | पूर्ण चन्द्र रथ | अशोक शुभदर्शी | वरुण प्रभात | सगीर अफराहीम | महेन्द्र प्रताप सिंह | केशव तिवारी | विवेक निराला | बसंत त्रिपाठी | आभा खरे | विशाल श्रीवास्तव । शालिनी सिंह | सीमा सिंह | मज़्कूर आलम | गजेन्द्र रावत | संजीव कौशल | मंजीत राठी | (महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के लिए 4 पद रिक्त)

केंद्रीय परिषद् :

(दिल्ली) देवेंद्र चौबे | हीरालाल नागर | अतुल सिंह | रानी कुमारी | संदीप | सत्यनारायण | श्याम सुशील | सत्यप्रकाश सिंह | अतुल सिंह | राधेश्याम तिवारी | जसवीर त्यागी | सुमित तवंर | ज्योति कुमारी | बजरंग बली कहार

(मध्य प्रदेश) रतन चौहान | अनवारे इस्लाम | रामकिशोर मेहता | बालेंदु परसाई | सुरेंद्र रघुवंशी | वसंत सकरगाए | प्रदीप कांत | एस के सक्सेना | अरुण वर्मा | प्रियंका कवीश्वर | संध्या कुलकर्णी | रंजीत सिंह राठौर

(राजस्थान) रामस्वरूप किसान | सूर्यप्रकाश जीनगर | हंसराज चौधरी | नागेंद्र कुमावत | विनोद स्वामी | बाबूलाल | रमेश निर्मल | मेघ सिंह दुल्लड़

(हरियाणा) मंगत राम शास्त्री | सिद्दीक़ अहमद मेव | प्रमोद गोरी | मास्टर रोहतास। नरेश प्रेरणा। ओमप्रकाश करुणेश।

(बिहार) श्रीराम तिवारी | नंदकिशोर नंदन | मार्कंडेय | राजेश कुमार | अनिल कुमार | सुनील कुमार प्रिय | शंभू शरण सत्यार्थी | युगल किशोर दुबे | डॉ. चंद्रशेखर चौरसिया | अनिल अनल | अरुण अभिषेक | डॉ. ज़ाकिर हुसैन ज़ाकिर | बैद्यनाथ विद्यार्थी | मो. जमील | डॉ. नीलाम्बुज सरोज | कुलभूषण गोपाल (2 पद रिक्त)

(झारखण्ड) शैलेंद्र अस्थाना | अनवर शमीम | धनंजय प्रसाद | शांति भारत | ज्योत्सना अस्थाना | उदय प्रताप हयात | डॉ. किरन | मनोज चौरसिया | यास्मीन लाल | ललन तिवारी

(प. बंगाल) … बारह स्थान रिक्त

(महाराष्ट्र)… नौ स्थान रिक्त

(उत्तर प्रदेश) मुनेश त्यागी | वेद प्रकाश | धर्मराज | आशिक़ अली | सोनी पांडेय | महेश आलोक | रमेश पंडित | जयप्रकाश मल्ल | सुनील कटियार | विमल चंद्राकर | सुभाष राय | नाइश हसन | शालू शुक्ला | बलवीर पाल | धर्मेन्द्र वीर सिंह | नूर आलम | सलमान ख़याल | मुजम्मिल फ़िदा | जावेद आलम | अजय गौतम | सीमंत साहू

(छत्तीसगढ़) अजय चन्द्रवंशी, भास्कर चौधुरी

(हिमाचल प्रदेश) … पाँच स्थान रिक्त

(केंद्र)… तीन स्थान रिक्त


1 thought on “जनवादी लेखक संघ का ग्यारहवाँ राष्ट्रीय सम्मेलन : एक संक्षिप्त रिपोर्ट / नलिन रंजन सिंह”

  1. बहुत शानदार रिपोर्ट।
    जनवादी लेखक संघ इंडिया जिंदाबाद।
    विजय स्वामी जयपुर
    जनवादी लेखक संघ राजस्थान

    Reply

Leave a Comment