‘विमर्श एवं विरासत’ पर विचार-गोष्ठी की रपट / इंद्रजीत सिंह
विरासत महत्त्वपूर्ण है लेकिन आधुनिकीकरण की ज़रूरत कहीं ज़्यादा है – ख़ालिद अशरफ़ जनवादी लेखक संघ, दिल्ली ने बीते
विरासत महत्त्वपूर्ण है लेकिन आधुनिकीकरण की ज़रूरत कहीं ज़्यादा है – ख़ालिद अशरफ़ जनवादी लेखक संघ, दिल्ली ने बीते
जनवादी लेखक संघ, फै़जाबाद की ‘स्त्री-स्वर’ शृंखला के अन्तर्गत ‘प्रगतिशीलता, प्रतिबद्धता और समकालीन स्त्री-लेखन’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन
18 अगस्त 2024 को मुंबई विश्वविद्यालय में ‘राजनीतिक कविता की परंपरा व भूमिका’ विषय पर प्रोफ़ेसर हूबनाथ पांडेय की कविताओं
जनवादी लेखक संघ लखनऊ द्वारा 15 अगस्त को समीना ख़ान की कहानी ‘बयाज़’ का पाठ रखा गया। इस वर्ष समीना
14 जुलाई 2024 को साथी कांतिमोहन ‘सोज़’ हमारे बीच नहीं रहे। जनवादी लेखक संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक,
लखनऊ के सामाजिक संगठनों, महिला, छात्र व नौजवान संगठनों सहित लेखकों व संस्कृतिकर्मियों ने अंबेडकर विश्वविद्यालय में, प्रशासन से बातचीत
दिनांक 17 मार्च 2024 (रविवार) को जनवादी लेखक संघ, बिहार द्वारा ‘कविता की जमीन-4’ (उत्तर प्रदेश) का आयोजन बिहार माध्यमिक
भोपाल। “ये सम्प्रेषणीयता की बेचैनियों और भाषा की सैद्धांतिकी की बारीक समझ से भरी कविताएं हैं। आत्म और संसार की
दिनांक 07 अप्रैल, 2024 को जनवादी लेखक संघ, फ़ैज़ाबाद के तत्वावधान में ‘जनपद की कविता’ आयोजन में लखनऊ के कवियों