हिंदू बहुसंख्यकवाद के ख़तरों और चुनौतियों की शिनाख्त़ करती एक ज़रूरी किताब / संजीव कुमार

अपनी किताब के आमुख में परकाला प्रभाकर कहते हैं, ‘निकट भविष्य में एक चुनावी जीत ज़ाहिर तौर पर गणराज्य को

सिनेमा एक दृश्य माध्‍यम है जिसकी शक्ति दृश्‍यात्‍मकता में है / हरियश राय

जवरीमल्‍ल ‍पारख की किताब ‘साहित्‍य कला और सिनेमा’ पर हरियश राय की संक्षिप्‍त टीप  ——————————————————————– साहित्‍य, कला और सिनेमा जवरीमल्‍ल

जीवन का पाठ / विष्णु नागर

जवरीमल्ल पारख की किताब जीवन की पाठशाला पर विष्णु नागर की टिप्पणी ——————————————————————- जवरीमल्ल पारख प्रतिष्ठित साहित्य आलोचक होने के