सरगर्मी
विरासत महत्त्वपूर्ण है लेकिन आधुनिकीकरण की ज़रूरत कहीं ज़्यादा है – ख़ालिद अशरफ़ जनवादी लेखक संघ, दिल्ली ने बीते
विचार
संविधान के जिस अनुच्छेद 370 के ज़रिये जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था, वह आज
किसी एक तरह की कट्टरता पर बात करने वाली रचना सभी तरह की कट्टरताओं के खिलाफ़ एक वक्तव्य बन जाती
‘महाराज’ फिल्म पर जवरीमल्ल पारख के विस्तृत आलेख का दूसरा भाग : ————————————————————— महाराज : अतीत में वर्तमान महाराज एक
अस्मिता
विगत 32 वर्षों से मानव-शास्त्र और समाज-शास्त्र के अध्ययन और अध्यापन में लगे ज्ञान चंद बागड़ी इन दिनों आदिवासी इलाक़ों
चंचल चौहान की पुस्तक, ‘साहित्य का दलित सौंदर्यशास्त्र’ राधाकृष्ण प्रकाशन से हाल ही में प्रकाशित हुई है। भूमिका, उपसंहार और
‘सचाई तो यह है कि 1970 के दशक तक दुनिया के स्तर पर ही स्त्री कलाकारों के पर्याप्त नामलेवा नहीं
देशकाल
‘दमनकारी अंग्रेज़ शासक और उनके मुस्लिम लीगी प्यादों के बारे में तो सच्चाईयां जगज़ाहिर हैं, लेकिन अगस्त क्रांति के हिंदुत्ववादी
26 जून 1975 की सुबह जिस आपातकाल की घोषणा की गयी, उसका दुहराव न हो, इसके लिए जनता सरकार ने
“2024 के चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने जिस तरह सांप्रदायिक घृणा का प्रचार किया, उसकी
आलोचना
20 अप्रैल 2024 से आलोचक और जनवादी लेखक संघ के संस्थापक महासचिव चंद्रबली सिंह का जन्मशती वर्ष आरंभ हुआ है।
9-10 सितंबर, 2023 को इलाहाबाद में प्रलेस, जलेस और जसम के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित ‘शेखर जोशी स्मृति आयोजन’ के
हरिशंकर परसाई की जन्मशती बीतते-बीतते उनकी मृत्यु के लगभग 30 वर्ष पूरे हो जायेंगे। 1995 में उनकी मृत्यु हुई थी