ऋत्विक घटक : सिनेमा के मौलिक चिंतक और विभाजन की त्रासदी के फिल्मकार / जवरीमल्ल पारख
“मैं जीवन भर यह अनुसंधान करता रहा हूँ कि किस प्रकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फ़िल्मों की परंपरा और उनके विकास
“मैं जीवन भर यह अनुसंधान करता रहा हूँ कि किस प्रकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फ़िल्मों की परंपरा और उनके विकास
“हालाँकि फिल्म पकिस्तान की सरज़मीं पर लिखी और फिल्मायी गयी है मगर इसकी गिरफ़्त में दोनों मुल्कों के बँटवारे और
हिन्दी सिनेमा के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता राज कपूर का जन्म 14 दिसम्बर, 1924 को पेशावर (अब पाकिस्तान में) में
23 दिसम्बर को श्याम बेनेगल के इंतकाल के साथ हिंदी और भारतीय सिनेमा के एक युग का अवसान हो गया
व्यक्ति-स्वातंत्र्य जिस पूंजीवाद का ऐतिहासिक नारा रहा है, उसके पास निगरानी और नियंत्रण की अकूत ताक़त है और उसके रहते
‘मौसिक़ी की दुनिया के इस शाहकार का शुमार रहती दुनिया तक किसी नायाब अजूबे से कम नहीं।’– साहिर की लिखी
संविधान के जिस अनुच्छेद 370 के ज़रिये जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था, वह आज
‘महाराज’ फिल्म पर जवरीमल्ल पारख के विस्तृत आलेख का दूसरा भाग : ————————————————————— महाराज : अतीत में वर्तमान महाराज एक
उन्नीसवीं सदी के लगभग मध्य का महाराजा लाइबेल केस यों तो भली-भांति दस्तावेज़ीकृत है, पर इतिहास का सामान्य ज्ञान रखने