‘महाराज’ : अंधभक्ति, अविवेक और धर्म-सत्ता (भाग-2) / जवरीमल्ल पारख
‘महाराज’ फिल्म पर जवरीमल्ल पारख के विस्तृत आलेख का दूसरा भाग : ————————————————————— महाराज : अतीत में वर्तमान महाराज एक
‘महाराज’ फिल्म पर जवरीमल्ल पारख के विस्तृत आलेख का दूसरा भाग : ————————————————————— महाराज : अतीत में वर्तमान महाराज एक
14 जुलाई 2024 को साथी कांतिमोहन ‘सोज़’ हमारे बीच नहीं रहे। जनवादी लेखक संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक,
उन्नीसवीं सदी के लगभग मध्य का महाराजा लाइबेल केस यों तो भली-भांति दस्तावेज़ीकृत है, पर इतिहास का सामान्य ज्ञान रखने
‘लेखक सिनेमा को सिर्फ़ मनोरंजन का ज़रिया नहीं बल्कि उसे अपने समय और समाज का बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज़ समझते हैं
कला कौशल की किताब ‘फ़ेसबुक तुक’ हाल ही में प्रकाशित हुई है। संस्मरण और समीक्षा जैसी विधाओं को समेटती 772
26 जून 1975 की सुबह जिस आपातकाल की घोषणा की गयी, उसका दुहराव न हो, इसके लिए जनता सरकार ने
हमारे समय के एक सजग युवा की चिंताएं, अवसाद और खुशियां माधव महेश की कविताओं में गहरी संवेदना के साथ
चंचल चौहान की किताब साहित्य का दलित सौंदर्यशास्त्र पर जनवादी लेखक संघ और दलित लेखक संघ के संयुक्त तत्त्वावधान में
“2024 के चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने जिस तरह सांप्रदायिक घृणा का प्रचार किया, उसकी