आरएसएस के सौ वर्ष और भारतीय संविधान / जवरीमल्ल पारख
“भारतीय संविधान के मूल में यह मान्यता थी कि भारत विभिन्न राष्ट्रीयताओं का संघ है क्योंकि भारत विभिन्न भाषाओं, क्षेत्रीय
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19-21 सितंबर को बाँदा में हुए जलेस के ग्यारहवें राष्ट्रीय सम्मेलन में कुल दस प्रस्ताव रखे गये और मामूली संशोधनों
जनवादी लेखक संघ के ग्यारहवें राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्र की रिपोर्ट का जो मसौदा पेश किया गया, उस पर बहस
हम देखेंगे दो ज़ुबानों में निकलने वाली एक सांस्कृतिक बुलेटिन है. पीडीऍफ़ के रूप में ही इसका प्रसारण होता है.
क्या पटना राइटर्स रेज़िडेंसी, यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH Act) के तहत ‘कार्यस्थल’ के दायरे में
‘पुलवामा के बाद बालाकोट पर हुई ज्यादा बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक ने भी आतंकवादी हमलों पर रोक नहीं लगायी बल्कि उरी
“अब उच्च शिक्षा संस्थानों, विशेष रूप से विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नियुक्तियों का केवल एक ही पैमाना रह गया है।
22 जनवरी 2025 को दिल्ली की एक अदालत ने विख्यात भारतीय चित्रकार, स्मृतिशेष मक़बूल फ़िदा हुसेन के दो चित्रों को
30 जनवरी से 3 फरवरी तक चलने वाले जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल की प्रायोजक वेदांता के साथ मारुति सुज़ुकी है। भारतीय