आहत भावनाओं की राजनीति / मनोज कुलकर्णी
22 जनवरी 2025 को दिल्ली की एक अदालत ने विख्यात भारतीय चित्रकार, स्मृतिशेष मक़बूल फ़िदा हुसेन के दो चित्रों को
22 जनवरी 2025 को दिल्ली की एक अदालत ने विख्यात भारतीय चित्रकार, स्मृतिशेष मक़बूल फ़िदा हुसेन के दो चित्रों को
दस्तावेज़ी फ़िल्मकार, बेहतरीन फ़िल्म संपादक और कवि तरुण भारतीय हमारे बीच नहीं रहे। दो दिन पहले दिल का दौरा पड़ने
‘यह पुस्तक आसान भाषा में पश्चिमी और भारतीय स्त्री विमर्श का सैद्धांतिक और व्यावहारिक पक्ष प्रस्तुत करती है।’–डॉ. रमा नवले
‘बाद में आने वाले लोगों के लिए रास्ता आसान न भी सही पर अनचीन्हा-अनजाना नहीं रह जाता, पर जिन्होंने सबसे
हिन्दी सिनेमा के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता राज कपूर का जन्म 14 दिसम्बर, 1924 को पेशावर (अब पाकिस्तान में) में
हिन्दी सिनेमा की प्रख्यात अभिनेत्री शबाना आज़मी से यह बातचीत मार्च 2003 में की गयी थी। पिछले दिनों पुराने कागज-पत्र
23 दिसम्बर को श्याम बेनेगल के इंतकाल के साथ हिंदी और भारतीय सिनेमा के एक युग का अवसान हो गया
‘इस तरह के दंगों या सांप्रदायिक हिंसा के भड़कने के बाद अक्सर पूछा जाता है कि हिंसा की शुरुआत किसने
व्यक्ति-स्वातंत्र्य जिस पूंजीवाद का ऐतिहासिक नारा रहा है, उसके पास निगरानी और नियंत्रण की अकूत ताक़त है और उसके रहते