2023 के अक्टूबर महीने से गज़ा में काम करनेवाले 99 अमरीकी मेडिकल पेशेवरों ने इस साल 2 अक्टूबर को अमरीकी प्रेसीडेंट बिडेन और वाइस-प्रेसीडेंट हैरिस को यह खुली चिट्ठी लिखी। बिल्कुल संयोगवश महात्मा गाँधी के जन्मदिन पर लिखी गई इस चिट्ठी में गज़ा के हालात का कच्चा चिट्ठा पेश करते हुए इस्राइल को किसी भी तरह की युद्ध-सामग्री मुहैया न कराने और उसे युद्ध-विराम के लिए बाध्य करने का अनुरोध किया गया है । इस पत्र से पता चलता है कि हालात हम लोगों के सभी अनुमानों से कहीं ज़्यादा बदतर हैं और इस्राइल की दरिंदगी के बारे में अभी भी हमारी जानकारी आधी-अधूरी है।
यह पूरी तरह अविकल अनुवाद नहीं है। अनुवादक संजीव कुमार ने उत्तरार्द्ध में कई छोटी छलांगें लगाई हैं जिन्हें तीन बिंदियों (…)से इंगित किया गया है। चिट्ठी जिन 99 चिकित्साकर्मियों के दस्तख़त से जारी हुई है, उनके नाम छोड़ दिए गए हैं।
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माननीय जोसेफ आर. बिडेन
संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति
व्हाइट हाउस
वाशिंगटन, डीसी
संयुक्त राज्य अमरीका
माननीय कमला डी. हैरिस
संयुक्त राज्य की उप-राष्ट्रपति
व्हाइट हाउस
वाशिंगटन, डीसी
संयुक्त राज्य अमरीका
अक्टूबर 2, 2024
प्रिय प्रेसीडेंट बिडेन और वाइस-प्रेसीडेंट हैरिस,
हम 99 अमरीकी डॉक्टर, नर्स प्रैक्टिश्नर, नर्स, और धाइयाँ हैं जिन्होंने 7 अक्टूबर 2023 से गज़ा पट्टी में अपनी सेवाएँ दी हैं। सबको जोड़कर देखें तो हमने गज़ा के अस्पतालों और क्लीनिकों में सेवाएँ देते हुए 254 हफ़्ते बिताये हैं। हमने पूरी पट्टी में विभिन्न ग़ैर-सरकारी संगठनों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ अस्पतालों और क्लीनिकों में काम किया है। हमारी चिकित्सकीय और शल्य-चिकित्सकीय विशेषज्ञता के अलावा हममें से अनेक की जन-स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने की पृष्ठभूमि है, साथ ही रूस के पाशविक हमले का निशाना बने यूक्रेन समेत कई युद्ध-प्रभावित क्षेत्रों में काम करने का अनुभव है। हममें से कुछ बहुत वरिष्ठ हैं और खास मौक़ों पर ही सेवाएँ देते हैं। हम भिन्न-भिन्न धार्मिक आस्थाओं और जातियताओं वाले लोगों का समूह हैं। हममें से कोई भी 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी हथियारबंद समूहों और व्यक्तियों द्वारा इस्राइल में बरपा किए गए कहर का समर्थन नहीं करता।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का संविधान कहता है: “शांति और सुरक्षा के लिए सभी लोगों का स्वास्थ्य बुनियादी चीज़ है और यह व्यक्तियों तथा राज्यों के अधिकतम सहकार पर निर्भर है।” इसी मूल भावना के साथ हम यह चिट्ठी आपको लिख रहे हैं।
हम उन अकेले तटस्थ प्रेक्षकों में शामिल हैं जिन्हें 7 अक्टूबर के बाद से गज़ा पट्टी में प्रवेश की इजाज़त दी गई है। अपनी व्यापक विशेषज्ञता और पूरे गज़ा में काम करने के प्रत्यक्ष अनुभव के मद्देनज़र हम अपनी सरकार को, जिसे यह तय करना है कि गज़ा पट्टी पर इस्राइल के हमले और उसकी घेरेबंदी के लिए समर्थन जारी रखना है या नहीं, कई अहम मुद्दों पर अपनी टिप्पणी दे पाने की विशिष्ट स्थिति में हैं। विशेष रूप से, हम मानते हैं कि हम गज़ा पर इस्राइल के हमले से बड़े पैमाने पर हुई मानवीय क्षति, और ख़ासकर महिलाओं और बच्चों की मौतों पर टिप्पणी करने की सबसे उपयुक्त स्थिति में हैं।
यह चिट्ठी गज़ा में हमारे अपने अनुभव और आँखिन देखी को एकत्र और सारांकित करती है। इस चिट्ठी के साथ एक विस्तृत संलग्नक है जो गज़ा पर इस्राइल के हमले के मुख्य पहलुओं पर मीडिया, मानवतावादी और अकादमिक स्रोतों से प्राप्त सर्वजन सुलभ जानकारी को समेटता है।…
यह पत्र और संलग्नक इस बात के ठोस सबूत देते हैं कि अक्टूबर से गज़ा में हुई मानवीय क्षति उससे कहीं ज़्यादा है जितना संयुक्त राज्य में समझा जाता है। अनुमान है कि इस लड़ाई से हुई मौतें 1,18,908 की संख्या को पार कर चुकी हैं और यह हैरतनाक ढंग से गज़ा की आबादी का 5.4 फ़ीसद है!
हमारी सरकार को तुरंत सक्रिय होना चाहिए ताकि गज़ा और इस्राइल की जनता जिस प्रलय का सामना कर रही है, उससे भी अधिक बदतर हालात को आने से रोका जा सके। इस्राइल के लिए सैन्य सहायता को रोककर और इस्राइल तथा सभी फिलिस्तीनी हथियारबंद समूहों पर अंतरराष्ट्रीय हथियार प्रतिबंध को समर्थन देकर युद्धरत पक्षों को युद्ध-विराम के लिए मजबूर किया जाना चाहिए। हम मानते हैं कि ऐसा करना, अमरीकी क़ानून और अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून, दोनों के तहत हमारी सरकार की जिम्मेदारी है। हम यह भी मानते हैं कि यही सही काम भी है।
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मैंने कभी भी इतने बड़े पैमाने पर, और इतने कम संसाधनों के बीच, इतने भयावह जख्मों को नहीं देखा है। हमारे बम हज़ारों की संख्या में स्त्रियों और बच्चों के चीथड़े उड़ा रहे हैं।
–डॉ. फ़िरोज़ सिधवा, ट्रोमा एण्ड क्रिटिकल केयर सर्जन, वेटेरन्स अफेयर्स जनरल सर्जन
महज़ कुछ अपवादों को छोड़कर गज़ा में हर कोई बीमार, घायल, या दोनों है। इसमें प्रत्येक राष्ट्रीय सहायता कर्मी (एड वर्कर), प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी, और संभवतः प्रत्येक इस्राइली बंधक शामिल हैं: हर पुरुष, स्त्री और बच्चा। गज़ा में काम करते हुए हमने अपने रोगियों और अपने फिलिस्तीनी स्वास्थ्यकर्मी सहयोगियों के बीच फैले व्यापक कुपोषण को देखा। हम सबने गज़ा में तेज़ी से अपना वज़न घटता पाया, बावजूद इसके कि हम खाने के मामले में बेहतर स्थिति में थे और हम अपना पूरक पोषण-समृद्ध खाद्य भी लेते रहे थे। हमारे पास अपने रोगियों के जानलेवा कुपोषण के फ़ोटो-साक्ष्य हैं, खासकर बच्चों के, जो हम आपके साथ साझा करना चाहते हैं।
पाँच से कम उम्र का तक़रीबन हर बच्चा जिससे हम अस्पताल के भीतर या बाहर मिले, वह खाँसी और पतली टट्टी, दोनों का शिकार था। हमने जिन अस्पतालों में सेवाएँ दीं, उसके हर कमरे में हमें जॉन्डिस के मामले मिले (जिससे इन हालात में हो रहे हेपटाइटिस ए संक्रमण का पता चलता है)। साथ ही, यह गज़ा के हमारे कई स्वास्थ्यकर्मी सहयोगियों में भी मिला। कुपोषण, ऑपरेशन के असंभव हालात, साबुन जैसी सफ़ाई की बुनियादी आपूर्तियों के अभाव, सर्जरी के उपकरणों और एंटीबायोटिक समेत अन्य दवाओं के अभाव जैसे अनेक कारणों के एक साथ होने के कारण बहुत बड़ी संख्या में हमारी सर्जरी के मामले संक्रमण का शिकार हुए।
कुपोषण के कारण अपने-आप गर्भपात, कम वज़न वाले नवजात, और नई माताओं की स्तनपान कराने में अक्षमता जैसी चीज़ें बड़ी पैमाने पर हुईं। गज़ा में हर कहीं पेय जल की भारी कमी को देखते हुए स्तनपान न करा पाने के कारण इन नवजातों की मौत की बहुत अधिक आशंका रहती है। कई नवजात मर चुके हैं। गज़ा में हमने कुपोषित माताओं को शिशुओं वाला मिश्रण विषैले पानी में घोलकर अपने कम वज़न वाले नवजातों का पेट भरते देखा है। हम कभी भूल नहीं सकते कि पूरे विश्व ने इन मासूम महिलाओं और बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया।
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हर दिन मैंने बच्चों को मरते देखा। वे स्वस्थ पैदा हुए थे। उनकी माएँ इतनी कुपोषित थीं कि उन्हें स्तनपान नहीं करा पाईं, और हमारे पास उनका पेट भरने के लिए मिश्रण या साफ़ पानी नहीं था, इसलिए वे भूखों मर गए।
–अस्मा ताहा, पीडीऐट्रिक नर्स प्रैक्टिश्नर
हम आपसे यह समझने की दरख्वास्त करते हैं कि गज़ा में महामारियों का प्रकोप तेज़ी से फैल रहा है। गज़ा की कुपोषित और बीमार आबादी का, जिसमें से आधे बच्चे हैं, इस्राइल द्वारा ऐसे इलाक़ों में लगातार विस्थापन जहाँ नल का पानी और शौचालय तक की सुविधा नहीं है, एकदम दिल दहला देने वाला है। यह निश्चित था और है कि इसके नतीजे के तौर पर पेट की वाइरल और बैक्टिरिअल बीमारियाँ और न्यूमोनिया, खासकर पाँच साल से कम के बच्चों में, फैलें और बड़े पैमाने पर मौतें हों। यही नहीं, गज़ा में भयावह पोलियो वायरस दुबारा उभर आया है और इसके पीछे शौच-सफ़ाई की अधि-संरचना की बाक़ायदा तबाही, शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को कमज़ोर करता व्यापक कुपोषण, और शिशुओं को लगभग पूरे एक साल आवश्यक टीके न लगना—इस तरह के अनेक कारण हैं। हमें चिंता है कि हज़ारों अज्ञात लोग कुपोषण और बीमारी के घातक मिश्रण से अब तक अपनी जान गँवा चुके हैं और आने वाले महीनों में और भी दसियों हज़ार लोग इसके शिकार होंगे, ख़ासकर गज़ा में जाड़ों की बारिश के आने के बाद। इनमें से ज़्यादातर बहुत छोटे बच्चे होंगे।
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गज़ा में ही पहली बार मैंने एक शिशु के मस्तिष्क को अपने हाथों में थामा। यह एक सिलसिले की शुरुआत थी।
–डॉ. मार्क पर्लमटर, ऑर्थपीडिक अनर हैन्ड सर्जन
सशस्त्र लड़ाइयों में सुनिया में हर जगह बच्चों को निर्दोष माना जाता है। लेकिन इस पत्र के हर एक अधोहस्ताक्षरी ने गज़ा में उन बच्चों को देखा है जो ऐसी हिंसा के शिकार हुए जो जानते-बूझते उन्हें निशाने बनाकर ही की गई होगी। ख़ास तौर से, हममें से जिसने भी इमरजेंसी, गहन चिकित्सा या सर्जरी में काम किया, उसे लगभग प्रतिदिन माथे में या छाती में गोली लगे हुए बच्चों का इलाज करना पड़ा। यह नामुमकिन है कि पूरे गज़ा में छोटे बच्चों पर साल भर तक चलने वाली ऐसी बड़े पैमाने की गोलीबारी महज़ दुर्योग हो या इस्राइल के उच्चतम नागरिक एवं सैन्य अधिकारियों को इसका पता न हो।
प्रेसीडेंट बिडेन और वाइस-प्रेसीडेंट हैरिस, काश आप उन दुःस्वप्नों को देख पाते जो हमारे लौटने के बाद से हमारा पीछा नहीं छोड़ रहे: हमारे हथियारों से अपंग और क्षत-विक्षत कर दिए गए बच्चों और उन्हें बचाने की भीख माँगती उनकी बदहवास माताओं के सपने। काश आप उस चीख़-पुकार को सुन पाते जो हमारी अंतरात्मा हमें भूलने नहीं देगी। हमारी समझ में नहीं आ रहा है कि आख़िर क्यों आप उस देश को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं जो जान-बूझकर इन बच्चों का सामूहिक रूप से क़त्ल कर रहा है।
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हमने बहुत सारे मृत नवजातों और जचगी में मरने वाली महिलाओं को देखा है जिन्हें आसानी से बचाया जा सकता था अगर अस्पताल सामान्य ढंग से काम कर रहे होते।
–डॉ. थलिया पकियानाकिस, ऑब्सटेट्रीशियन एण्ड गायनेकोलोजिस्ट
… इस्राइल ने गज़ा के आधे से ज़्यादा स्वास्थ्य-सेवा संसाधनों को तबाह कर दिया है और लगभग एक हज़ार फिलिस्तीनी स्वास्थ्यकर्मियों को मार डाला है—यह संख्या गज़ा के स्वास्थ्यकर्मियों में से 20 पर 1 से ज़्यादा है। ठीक यही समय है जब गज़ा की स्वास्थ्य-सेवा ज़रूरतें सैन्य हिंसा, कुपोषण, बीमारी, और विस्थापन के कारण पहले से कई गुना ज़्यादा बढ़ चुकी हैं।
हमने जिन अस्पतालों में काम किया, वहाँ सर्जिकल सामग्री से लेकर साबुन तक, बुनियादी ज़रूरत की आपूर्तियों की भयावह कमी थी। वहाँ नियमित रूप से बिजली गुल हो जाती थी, इंटरनेट कट जाता था, साफ़ पानी उपलब्ध नहीं था, और अपनी बेड क्षमता से चार से सात गुना ज़्यादा रोगियों को रखा जा रहा था।
… इन आँखों देखी स्थितियों और परिशिष्ट में दी गयी सर्वजनसुलभ सामग्री के आधार पर हमारा मानना है कि गज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जितना बताया है, युद्ध से होने वाली मौतों की संख्या उससे कई गुना ज़्यादा है। हम यह भी मानते हैं कि यह विदेश में अमरीकी हथियारों के इस्तेमाल से संबंधित अमरीकी क़ानूनों के, और अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानूनों के व्यापक उल्लंघन का भी अकाट्य सबूत है।
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इस पत्र के 99 अधोहस्ताक्षरियों ने गज़ा के सबसे बड़े अस्पतालों और क्लीनिकों में सम्मिलित रूप से 254 हफ़्ते गुज़ारे हैं। हम बिल्कुल साफ़ कर देना चाहते हैं: एक बार भी हममें से किसी ने गज़ा के अस्पतालों या हेल्थ केयर केंद्रों के अंदर किसी तरह की फिलिस्तीनी उग्रवादी गतिविधि नहीं देखी।
हम आपसे यह देखने की गुज़ारिश करते हैं कि इस्राइल ने बाक़ायदा और सोचे-समझे तरीक़े से गज़ा की पूरी स्वास्थ्य-सेवा व्यवस्था को तबाह किया है, और कि इस्राइल ने गज़ा के हमारे सहकर्मियों को यातना, लोप (disappearance), और हत्या का निशाना बनाया है।
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प्रेसीडेंट बिडेन और वाइस-प्रेसीडेंट हैरिस, इस समस्या का कोई भी हल एक अविलंब और स्थायी युद्ध-विराम के साथ ही शुरू होगा। हम इसकी सराहना करते है कि आप इस्राइल और हमास के बीच युद्ध-विराम समझौते को लेकर काम कर रहे हैं, लेकिन आपने एक स्पष्ट तथ्य की अनदेखी की है: संयुक्त राज्य युद्धरत पक्षों पर युद्ध-विराम थोप सकता है—अपनी ओर से इस्राइल को हथियारों की आपूर्ति को रोककर, और यह घोषणा करके कि हम इस्राइल और सभी फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों पर लगाई जाने वाली अंतरराष्ट्रीय हथियार-बंदी में भागीदार होंगे। हम वही बात ज़ोर देकर कहना चाहते हैं जो साल भर से कई औरों ने आपको बार-बार कही है: इस मामले में अमरीकी क़ानून एकदम स्पष्ट है, इस्राइल को हथियार देना ग़ैर-क़ानूनी है।
हम आपसे गुज़ारिश करते हैं कि इस्राइल राज्य से पूरा सैन्य, आर्थिक, और राजनयिक समर्थन तत्काल वापस लें और इस्राइल तथा सभी फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों पर तब तक के लिए लगाई गई अंतरराष्ट्रीय हथियार-बंदी में भागीदार बनें जब तक गज़ा में एक स्थायी युद्ध-विराम लागू नहीं होता, इस्राइली और फिलिस्तीनी बंधक रिहा नहीं किया जाते, और जब तक दोनों पक्ष अपने संघर्ष को लेकर किसी स्थायी समाधान तक नहीं पहुँच जाते।
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हम राजनीतिज्ञ नहीं हैं। हम सभी सवालों का जवाब तैयार रखने का दावा नहीं कर सकते। हम महज़ उपचार देने वाले पेशेवर हैं जो गज़ा में देखे गए हालात पर चुप नहीं रह सकते। हर वह दिन जब हम इस्राइल को हथियार और जंगी सामान भेजना जारी रखते हैं, एक और दिन है जब हमारे बमों से महिलाओं के चीथड़े उड़ते हैं और हमारी गोलियों से बच्चों की हत्या होती है।
प्रेसीडेंट बिडेन और वाइस-प्रेसीडेंट हैरिस, हम आपसे आग्रह करते हैं: इस पागलपन को अभी के अभी खत्म कीजिए!