नया पथ
April 7, 2024
वर्तमान राजसत्ता का चरित्र और लोकतंत्र का गहराता संकट – 1 / जवरीमल्ल पारख
18 वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होने वाले हैं। इस मौक़े पर पिछले लगभग पांच
18 वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होने वाले हैं। इस मौक़े पर पिछले लगभग पांच
‘इसे 11 मार्च, 2024 को लागू किया गया जब 2024 के संसदीय चुनाव कुछ सप्ताह दूर थे। भारत के पड़ोस
भाजपा सरकार ने 2017 में तमाम विपक्षी दलों के विरोध और चुनाव आयोग तथा रिज़र्व बैंक की मनाही के बावजूद
अगर वह आज़ादी एक आत्माहीन शरीर की थी, तो उसे आज़ादी कैसे कहा जा सकता है और अगर उस देह
आरएसएस की मूल अवधारणा ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ एक ऐसी निरंकुश सामाजिक सत्ता की कल्पना है जो हर तरह की असमानता और
आज़ादी के बाद के भारत के सामाजिक यथार्थ को समझने के लिए उस पहले सवाल से फिर जूझना ही पड़ेगा
आधुनिक दुनिया ने राष्ट्र-राज्य बनाये और क्षेत्रीय अखंडता के आधार पर उन्हें खड़ा किया, जिनका आधार समरस सांस्कृतिक पहचानों वाले