नया पथ
June 23, 2024
पांच कविताएं / माधव महेश
हमारे समय के एक सजग युवा की चिंताएं, अवसाद और खुशियां माधव महेश की कविताओं में गहरी संवेदना के साथ
हमारे समय के एक सजग युवा की चिंताएं, अवसाद और खुशियां माधव महेश की कविताओं में गहरी संवेदना के साथ
सीमा सिंह की कविताएं ‘इस हिंदू होते समय’ का प्रति-आख्यान हैं। यहां स्त्रियों के मंगलसूत्र की चिंता करते प्रधानमंत्री के
एक ऐसे समय में जब ‘विलाप को हत्या से भी संगीन अपराध बता दिया’ गया हो, विशाल श्रीवास्तव की ये
तानाशाह अपनी मुस्कान बिखेर रहा था मूंछें होतीं तो तन गयी होतीं पेंट कमीज़ पहन रहा होता तो उसकी मसकें
नियंत्रण जो समझता है आपकी भाषा वही आपके नियंत्रण में आता है चींटी नहीं समझती मनुष्य की भाषा इसलिए वह
केशव तिवारी के प्रकाश्य संग्रह नदी का मर्सिया तो पानी ही गायेगा से सात कविताएं —————————————————————————– कवि कविता से कुछ
अदनान कफ़ील दरवेश की कविताएं हमारे समय के बारे में कवि की बेहद व्याकुल और आविष्ट प्रतिक्रियाएं हैं। जिन ‘फिल्मों,