तरसेम गुजराल का कथालोचन / चंचल चौहान
“हर रचनाकार अपनी ‘वस्तु’ का चुनाव अपनी संवेदनक्षमता के आधार पर करता है, तो आलोचक को अपनी रुचि के अनुसार
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अपनी किताब के आमुख में परकाला प्रभाकर कहते हैं, ‘निकट भविष्य में एक चुनावी जीत ज़ाहिर तौर पर गणराज्य को
जवरीमल्ल पारख की किताब ‘साहित्य कला और सिनेमा’ पर हरियश राय की संक्षिप्त टीप ——————————————————————– साहित्य, कला और सिनेमा जवरीमल्ल
जवरीमल्ल पारख की किताब जीवन की पाठशाला पर विष्णु नागर की टिप्पणी ——————————————————————- जवरीमल्ल पारख प्रतिष्ठित साहित्य आलोचक होने के
नवारुण ने विलक्षण कहानीकार योगेंद्र आहूजा के वैचारिक लेखन को टूटते तारों तले शीर्षक से पुस्तकाकार प्रकाशित किया है। उस
युवा कवि वरुण प्रभात के प्रथम कविता-संग्रह, अंतहीन रास्ते से गुज़रना प्रीतिकर भी है और आश्वस्तिपरक भी। प्रीतिकर इस अर्थ
अली मदीह हाशमी की किताब प्रेम और क्रांति : फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की जीवनी (अनुवाद : अशोक कुमार, 2021, सेतु