पांच कविताएं / सुभाष राय
‘दिगम्बर विद्रोहिणी अक्क महादेवी’ पर एक यादगार किताब लिख चुके सुभाष राय इन दिनों आंडाल पर काम कर रहे हैं।
‘दिगम्बर विद्रोहिणी अक्क महादेवी’ पर एक यादगार किताब लिख चुके सुभाष राय इन दिनों आंडाल पर काम कर रहे हैं।
प्रदीप अवस्थी के पास गहरी उदासी की कविताएं हैं तो आक्रोश, संघर्ष और उम्मीद की भी। लगभग सभी महत्वपूर्ण पत्रिकाओं
पकी-पोढ़ी निगाहों से छूट जाने वाली कई चीज़ें बच्चों जैसी निश्छल निगाह की ज़द में आ जाती हैं। शचीन्द्र आर्य
2 फरवरी 1960 को हरसूद (अब जलमग्न), ज़िला खंडवा, मध्यप्रदेश में जन्मे वसंत सकरगाए के कविता-संग्रह हैं : ‘निगहबानी में
सीमा सिंह की यह कविता-शृंखला एक परिघटना को कविता में संबोधित करने का असाधारण उदाहरण है। वे ‘नया पथ’ में
अलग-अलग समुदायों के बीच संदेह और नफ़रत के बीज बोनेवालों को सबसे बड़ी कामयाबी क्या होती है? वह यह कि
अपने संवेदनशील प्रेक्षण से कई बार चौंका देने वाले संजीव कौशल छोटी कविताओं के उस्ताद हैं। अपने आसपास की अतिसाधारण
‘इस तरह के दंगों या सांप्रदायिक हिंसा के भड़कने के बाद अक्सर पूछा जाता है कि हिंसा की शुरुआत किसने
इब्बार रब्बी की यह कविता एक रची जा रही शृंखला की पहली कड़ी है, इसलिए ‘पहला छापा’। दूसरे, तीसरे और